Name Of Post : फसल बीमा घोटाला: किरोड़ी लाल मीणा की जांच में ₹122 करोड़ का फर्जीवाड़ा उजागर, 1.70 लाख किसानों के क्लेम हुए शून्य
फसल बीमा घोटाला: किरोड़ी लाल मीणा की जांच में ₹122 करोड़ का फर्जीवाड़ा उजागर, 1.70 लाख किसानों के क्लेम हुए शून्य
फसल बीमा घोटाला: 122 करोड़ का फर्जीवाड़ा उजागर, 1.70 लाख किसानों के क्लेम हुए शून्य – कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा की जांच में बड़ा खुलासा
Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana | 17 अक्टूबर 2025
राजस्थान में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत एक बड़ा घोटाला उजागर हुआ है। प्रदेश में हुए इस घोटाले ने एक बार फिर सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा की सख्त जांच के बाद सामने आया है कि लगभग ₹122 करोड़ का फर्जीवाड़ा फसल बीमा योजना में किया गया है।
🌾 घोटाले का खुलासा – 1.70 लाख किसानों के क्लेम हुए शून्य
जानकारी के अनुसार, यह घोटाला खरीफ 2023, रबी 2023, खरीफ 2024 और रबी 2024 के दौरान सामने आया है। इन सीजन में 1.70 लाख से अधिक किसानों ने अपनी फसल के नुकसान के लिए बीमा क्लेम किया था, लेकिन बीमा कंपनियों ने सभी क्लेम “शून्य” घोषित कर दिए।
जांच में पाया गया कि कई किसानों की फसलें प्राकृतिक आपदाओं और मौसम की मार से पूरी तरह नष्ट हो गई थीं, बावजूद इसके कंपनियों ने क्लेम देने से इनकार कर दिया।
📜 32,000 फार्म मिले फर्जी – किसानों और विभागीय कार्मिकों के हस्ताक्षर भी नकली
कृषि विभाग की विस्तृत जांच में 32,000 से अधिक फार्म प्रस्तुत किए गए, जिनमें से 30,000 फार्म फर्जी पाए गए।
इन फर्जी फॉर्मों पर किसानों और कृषि विभाग के कर्मचारियों के जाली हस्ताक्षर किए गए थे। जांच में यह भी सामने आया कि कई जगह फर्जी सर्वे रिपोर्ट तैयार की गईं ताकि बीमा कंपनी को लाभ पहुंचाया जा सके और वास्तविक किसानों को नुकसान झेलना पड़े।
🏢 बीमा कंपनियों की भूमिका संदिग्ध
प्रारंभिक जांच में यह साफ हुआ है कि कुछ बीमा कंपनियां, ठेके पर कार्यरत फील्ड एजेंट्स और कृषि विभाग के कुछ अधिकारी इस पूरे घोटाले में शामिल थे। किसानों से फॉर्म भरवाकर फर्जी डेटा अपलोड किया गया और क्लेम को “जीरो” दिखाने के लिए कंप्यूटर रिकॉर्ड्स में हेरफेर की गई।
🧾 मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने दिए सख्त निर्देश
कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने कहा है कि –
“राज्य सरकार किसानों के साथ हुए इस धोखे को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेगी। इस घोटाले में शामिल हर व्यक्ति पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। बीमा कंपनियों से भी जवाब-तलब किया गया है और जांच रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंपी जाएगी।”
उन्होंने स्पष्ट किया कि सभी प्रभावित किसानों को न्याय दिलाने और उनका वास्तविक क्लेम दिलवाने के लिए विशेष टास्क फोर्स गठित की जा रही है।
⚖️ क्या था घोटाले का तरीका?
-
बीमा कंपनियों ने फर्जी सर्वे रिपोर्ट तैयार कर नुकसान का स्तर “कम” दिखाया।
-
किसानों की सहमति या हस्ताक्षर बिना लिए फॉर्म अपलोड किए गए।
-
जिन किसानों की फसलें पूरी तरह खराब थीं, उनके क्लेम को भी “नुकसान नहीं हुआ” बता दिया गया।
-
कृषि विभाग के कुछ अधिकारियों ने बीमा कंपनियों से मिलीभगत कर डेटा में हेरफेर की।
🚜 किसानों में आक्रोश
इस खुलासे के बाद राज्यभर में किसानों में आक्रोश फैल गया है। किसान संगठनों ने बीमा कंपनियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने और कंपनियों के लाइसेंस रद्द करने की मांग की है।
🔍 आगे की कार्रवाई
-
कृषि विभाग ने संपूर्ण जांच रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंपने की तैयारी की है।
-
संबंधित कंपनियों के खिलाफ FIR दर्ज कराई जाएगी।
-
फर्जी फॉर्म तैयार करने वाले एजेंट्स और कर्मचारियों पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज होगा।
-
प्रभावित किसानों को दोबारा क्लेम प्रक्रिया से जोड़ा जाएगा ताकि उन्हें वास्तविक नुकसान की भरपाई मिल सके।
📅 निष्कर्ष
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना किसानों की सुरक्षा के लिए चलाई जाती है, लेकिन इस घोटाले ने इसकी विश्वसनीयता पर गहरा सवाल खड़ा कर दिया है।
कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा की सख्त जांच के बाद अब उम्मीद की जा रही है कि दोषियों को सजा मिलेगी और किसानों को उनका हक का बीमा मुआवजा मिलेगा।
📌 तारीख: 17 अक्टूबर 2025
📍स्थान: जयपुर, राजस्थान
📰 विषय: फसल बीमा घोटाला – ₹122 करोड़ का फर्जीवाड़ा उजागर