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Name Of Post : जमीन रजिस्ट्री के नए नियम: अब अनिवार्य हुए 5 जरूरी दस्तावेज

जमीन रजिस्ट्री के नए नियम: अब अनिवार्य हुए 5 जरूरी दस्तावेज

 

🏡 जमीन रजिस्ट्री के नए नियम, अब अनिवार्य हुए 5 जरूरी दस्तावेज

Land Registry Documents: अब जमीन की रजिस्ट्री में पारदर्शिता और सख्ती दोनों

भारत सरकार ने जमीन की खरीद-फरोख्त में बढ़ते फर्जीवाड़े और धोखाधड़ी को रोकने के लिए भूमि रजिस्ट्री की प्रक्रिया को पहले से अधिक पारदर्शी और कठोर बना दिया है। हाल के वर्षों में एक ही संपत्ति को कई लोगों के नाम पर ट्रांसफर करने जैसे कई मामले सामने आए हैं। इन घटनाओं पर रोक लगाने के लिए केंद्र सरकार ने नई गाइडलाइन्स लागू की हैं, जिनमें 5 दस्तावेजों को अब अनिवार्य कर दिया गया है।


📝 1. पैन कार्ड और फोटो अनिवार्य

नए नियमों के तहत भूमि रजिस्ट्री के समय खरीदार और विक्रेता दोनों को अपना पैन कार्ड प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा। इसके साथ ही पासपोर्ट साइज फोटो भी देनी होगी।
👉 इससे दोनों पक्षों की पहचान स्पष्ट रूप से दर्ज होगी, और भविष्य में किसी भी प्रकार के विवाद की संभावना काफी हद तक कम हो जाएगी।


🪪 2. पहचान और संपत्ति से जुड़े प्रमाण पत्र

अब आधार कार्ड को पहचान और पते के प्रमाण के रूप में देना अनिवार्य होगा। इसके अलावा निम्न दस्तावेजों को भी रजिस्ट्री के समय जमा करना जरूरी होगा:

  • 📌 खसरा नंबर

  • 📌 खतौनी

  • 📌 भू-नक्शा

  • 📌 सेल एग्रीमेंट (खरीदार और विक्रेता के बीच का समझौता)

इन बदलावों का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि संपत्ति से जुड़े सभी दस्तावेज सटीक और वैध हों, जिससे किसी भी तरह की गड़बड़ी की संभावना समाप्त हो सके।


💰 3. वित्तीय देनदारियों की जांच अनिवार्य

यदि संबंधित संपत्ति पर कोई टैक्स या अन्य सरकारी देनदारी है, तो उसकी रसीदें और भुगतान प्रमाण भी रजिस्ट्री के समय प्रस्तुत करने होंगे।
👉 जब तक ये वित्तीय दस्तावेज जमा नहीं होंगे, रजिस्ट्री की प्रक्रिया पूरी नहीं की जाएगी।
👉 इससे खरीदार को भविष्य में किसी भी बकाया या कानूनी विवाद का सामना नहीं करना पड़ेगा।


🌐 4. पूरी तरह ऑनलाइन और पारदर्शी प्रक्रिया

सरकार ने भूमि रजिस्ट्री को अब डिजिटल प्लेटफॉर्म पर शिफ्ट कर दिया है। इसका मतलब है कि अब तहसील और रजिस्ट्री कार्यालय के बार-बार चक्कर लगाने की जरूरत नहीं होगी।

डिजिटल प्लेटफॉर्म पर निम्न कार्य एक ही जगह पूरे होंगे:

  • चालान जनरेट करना

  • दस्तावेज अपलोड करना

  • रजिस्ट्री की पुष्टि प्राप्त करना

👉 इससे समय और धन दोनों की बचत होगी और साथ ही बिचौलियों और भ्रष्टाचार पर भी लगाम लगेगी।


🚫 5. फर्जीवाड़े पर कड़ा नियंत्रण

नई गाइडलाइन्स का सबसे बड़ा उद्देश्य जमीन की खरीद-फरोख्त में पारदर्शिता लाना और फर्जीवाड़े पर रोक लगाना है।
डिजिटल वेरिफिकेशन
अनिवार्य दस्तावेजी जांच
एकल रजिस्ट्री सिस्टम

इन प्रावधानों के कारण एक ही संपत्ति को कई बार बेचने जैसी घटनाओं पर रोक लगेगी, जिससे खरीदारों का भरोसा बढ़ेगा और भूमि लेन-देन सुरक्षित बनेगा।


⚠️ अस्वीकरण (Disclaimer)

यह जानकारी सामान्य जनहित के लिए जारी की गई है। भूमि रजिस्ट्री से जुड़े नियम प्रत्येक राज्य की नीतियों के अनुसार भिन्न हो सकते हैं।
👉 सटीक और विस्तृत जानकारी के लिए अपने स्थानीय तहसील कार्यालय या संबंधित राजस्व विभाग से संपर्क अवश्य करें।


निष्कर्ष:
नई व्यवस्था में 5 दस्तावेज — पैन कार्ड, फोटो, आधार कार्ड, संपत्ति संबंधी दस्तावेज, वित्तीय देनदारी रसीदें और सेल एग्रीमेंट — अब अनिवार्य कर दिए गए हैं। साथ ही डिजिटल प्रक्रिया से पारदर्शिता और सुरक्षा दोनों में बड़ा सुधार आया है।