Name Of Post : राजस्थान के सभी जिलों में फसलों की गिरदावरी शुरू, किसानों को मिलेगा मुआवजा और बीमा क्लेम
राजस्थान के सभी जिलों में फसलों की गिरदावरी शुरू, किसानों को मिलेगा मुआवजा और बीमा क्लेम
मुख्यमंत्री ने प्रत्येक जिले में गिरदावरी करवाने तथा नुकसान का आकलन के दिए निर्देश
खरीफ 2025 में फसल नुकसान पर सरकार की बड़ी कार्रवाई
भारी बारिश और बाढ़ से देश के कई राज्यों में किसानों की फसलों को भारी नुकसान हुआ है। इसी कड़ी में राजस्थान में भी खरीफ सीजन 2025 के दौरान अत्यधिक वर्षा और बाढ़ के कारण कई जिलों में फसलें नष्ट हो गईं। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने राज्य के सभी जिलों में गिरदावरी (फसल क्षति सर्वेक्षण) करवाने और नुकसान के आकलन के निर्देश जारी किए हैं।
गिरदावरी पूरी होने के बाद प्रभावित किसानों को सहायता अनुदान राशि (मुआवजा) प्रदान किया जाएगा।
- यह ऐप किसानों को अपनी फसल की जानकारी को ऐप पर ही दर्ज करने की सुविधा देता है, जिससे वे खुद ही गिरदावरी में शामिल हो सकते हैं।
- इस ऐप के माध्यम से आप अपनी फसल की जानकारी स्वयं पंजीकृत कर सकते हैं।
- गिरदावरी के बाद, अगर आपकी फसलों को कोई नुकसान होता है, तो किसान इस जानकारी का उपयोग करके मुआवजे और फसल बीमा के लिए दावा कर सकते हैं।
- बीमा दावों का भुगतान सीधे किसानों के बैंक खातों में डिजिटल रूप से (DBT) किया जाएगा।
- फसल बीमा से संबंधित विस्तृत जानकारी के लिए राज किसान (Rajkisan) की वेबसाइट देखें।
जिला कलेक्टरों को निर्देश
राज्य के संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने विधानसभा में जानकारी दी कि मुख्यमंत्री ने सभी जिला कलेक्टरों को निर्देशित किया है कि वे फसल खराबे की स्थिति में गिरदावरी एवं विशेष गिरदावरी करवाकर प्रभावित किसानों को नियमानुसार सहायता राशि दें।
उन्होंने बताया कि कई जिलों में गिरदावरी कार्य वर्तमान में जारी है, और जैसे ही यह प्रक्रिया पूर्ण होगी, आपदा प्रबंधन एवं सहायता विभाग द्वारा ACDRF के नॉर्म्स के अनुसार प्रभावित किसानों को मुआवजा वितरित किया जाएगा।
उदाहरण के रूप में उन्होंने बताया कि मेड़ता विधानसभा क्षेत्र में जून-जुलाई 2025 में अतिवृष्टि नहीं हुई थी, इसलिए उस समय गिरदावरी नहीं की गई। लेकिन अब वर्तमान हालात को देखते हुए गिरदावरी शुरू कर दी गई है।
प्रश्नकाल के दौरान विस्तृत जानकारी
प्रश्नकाल के दौरान संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने बताया कि जिलों के प्रभारी मंत्री, सचिव और कलेक्टर लगातार स्थिति की निगरानी कर रहे हैं। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा स्वयं इस मामले में गंभीर हैं और उन्होंने अधिकारियों के साथ बैठक कर तुरंत राहत कार्य सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।
बुवाई में असफल किसानों को मिलेगा बीमा क्लेम
राजस्थान में जलवायु परिवर्तन के चलते कई किसानों की बुवाई या अंकुरण विफल रही है।
कृषि एवं उद्यानिकी विभाग के शासन सचिव राजन विशाल ने बताया कि खरीफ 2025 में 15 अगस्त तक विभिन्न जिलों से डीएलएमसी (जिला स्तरीय निगरानी समिति) द्वारा बाधित, निष्फल बुवाई एवं अंकुरण के प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं।
इन मामलों में किसानों को फसल बीमा योजना के तहत 25% बीमा क्लेम प्रदान किया जाएगा।
446 पटवार मंडलों में अधिसूचना जारी
राज्य सरकार ने कुल 446 पटवार मंडलों में खरीफ फसलों के खराबे की पुष्टि करते हुए अधिसूचना जारी की है। इनमें प्रमुख जिले एवं तहसीलें हैं:
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पाली जिला: पाली, रोहट, सोजत, सुमेरपुर, मारवाड़ जंक्शन – मूंग, तिल, ज्वार, बाजरा प्रभावित
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कोटा जिला: पीपल्दा – सोयाबीन और उड़द
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बारां जिला: छबड़ा, मांगरोल, बारां, अन्ता, किशनगंज, शाहबाद – सोयाबीन, उड़द, मक्का और धान
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भरतपुर, करौली, सवाई माधोपुर: बाजरा, तिल और उड़द फसलों को नुकसान
इन इलाकों में बीमित फसलों की स्थिति के आधार पर बीमा कंपनियों को 25% अग्रिम क्लेम भुगतान की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
किसानों को मिलेगा बीमा राशि का अग्रिम भुगतान
कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने बताया कि जिन क्षेत्रों में औसत बुवाई क्षेत्र से 75% से अधिक हिस्से में बुवाई नहीं हुई या अंकुरण विफल रहा, वहां बीमा कंपनियों को किसानों को बीमा राशि का 25% अग्रिम भुगतान करने के निर्देश दिए गए हैं।
यह निर्णय हजारों किसानों के लिए बड़ी राहत लेकर आया है जिनकी फसलें शुरुआत में ही नष्ट हो गई थीं।
राज्य सरकार की तत्परता बनी किसानों की उम्मीद
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राजस्थान सरकार ने संकट की इस घड़ी में किसानों को राहत देने के लिए तेज, प्रभावी और पारदर्शी प्रक्रिया अपनाई है।
गिरदावरी कार्य, बीमा भुगतान और मुआवजा वितरण—इन तीनों मोर्चों पर राज्य सरकार पूरी तरह सक्रिय है।
446 पटवार मंडलों में गिरदावरी और फसल बीमा क्लेम प्रक्रिया शुरू करना किसानों के लिए राहत की बड़ी पहल है।
सरकार का यह कदम किसानों को न केवल आर्थिक संबल देगा बल्कि उन्हें आशा और विश्वास भी प्रदान करेगा कि संकट की घड़ी में सरकार उनके साथ खड़ी है।