Name Of Post : UPI New Rule 2025: ₹2000 से अधिक पेमेंट पर ₹200 टैक्स, AutoPay Mandate और फेस ऑथेंटिकेशन की नई सुविधा लागू
UPI New Rule 2025: ₹2000 से अधिक पेमेंट पर ₹200 टैक्स, AutoPay Mandate और फेस ऑथेंटिकेशन की नई सुविधा लागू
💥 UPI New Rule 2025: ₹2000 से अधिक पेमेंट पर ₹200 टैक्स और AutoPay Mandate के नए नियम लागू
आज के डिजिटल युग में लगभग हर व्यक्ति UPI (Unified Payments Interface) का इस्तेमाल करता है। बिजली बिल से लेकर OTT सब्सक्रिप्शन तक — हर भुगतान कुछ सेकंड में हो जाता है। लेकिन अब NPCI (National Payments Corporation of India) ने UPI यूजर्स के लिए कुछ नए नियम लागू कर दिए हैं, जो आपकी जेब और सुरक्षा दोनों पर असर डालेंगे।
⚠️ ₹2000 से अधिक पेमेंट पर लगेगा ₹200 टैक्स
सूत्रों के अनुसार, ₹2000 से अधिक के कुछ UPI ट्रांजेक्शन पर ₹200 तक का टैक्स या सर्विस चार्ज लगाया जाएगा। यह नियम केवल ऑटोमेटिक या कमर्शियल पेमेंट्स पर लागू होगा — जैसे कि:
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Netflix, Amazon Prime, Spotify जैसी AutoPay Subscriptions
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बिजली, मोबाइल, या इंटरनेट के ऑटो-डिडक्ट बिल्स
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बिजनेस या मर्चेंट ट्रांजेक्शन जिनकी राशि ₹2000 से अधिक है
सरकार का कहना है कि यह टैक्स व्यक्तिगत P2P ट्रांजेक्शन (जैसे दोस्त या परिवार को पैसे भेजना) पर लागू नहीं होगा।
🆕 AutoPay Mandate दिखेंगे एक ही जगह
NPCI के 7 अक्टूबर 2025 के सर्कुलर के मुताबिक,
अब हर यूजर अपने सभी सक्रिय AutoPay Mandate किसी भी UPI ऐप (जैसे GPay, Paytm, PhonePe आदि) में देख सकेगा।
📱 उदाहरण:
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अगर आपका Netflix सब्सक्रिप्शन Google Pay से चलता है
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और बिजली बिल PhonePe से कटता है
तो अब आप दोनों को एक ही ऐप में देख पाएंगे।
यह नियम 31 दिसंबर 2025 तक लागू कर दिया जाएगा। इससे यूजर्स को अपने सभी खर्चों का पूरा रिकॉर्ड एक ही प्लेटफॉर्म पर मिलेगा।
🔁 अब AutoPay पोर्टिंग भी होगी आसान
नए नियम के तहत अब आप अपने ऑटो-पे मांडेट को एक ऐप से दूसरे ऐप में पोर्ट कर सकते हैं।
📍 उदाहरण:
अगर आप चाहें तो PhonePe से Paytm या Google Pay पर अपना AutoPay शिफ्ट कर सकते हैं।
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इस प्रक्रिया पर कोई कैशबैक या रिवार्ड नहीं मिलेगा।
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NPCI ने स्पष्ट किया है कि यह फैसला पूरी तरह यूजर की मर्जी से होगा।
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कोई भी ऐप यूजर को जबरन रोक नहीं सकेगा।
यह नियम डिजिटल भुगतान को पारदर्शी और सुरक्षित बनाने के लिए लाया गया है।
🏦 बैंकों और ऐप्स की जिम्मेदारी
NPCI ने सभी बैंकों और पेमेंट ऐप्स को निर्देश दिया है कि वे अपने ऐप में
‘Manage Bank Account’ या ‘UPI AutoPay’ सेक्शन में यह नया फीचर जोड़ें।
इसके ज़रिए यूजर:
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सभी AutoPay Mandates देख सकेंगे,
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उन्हें रोक या डिलीट कर सकेंगे,
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और जरूरत पड़ने पर किसी दूसरे ऐप में ट्रांसफर भी कर सकेंगे।
साथ ही यह सुनिश्चित किया गया है कि:
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कोई ऐप यूजर डेटा का दुरुपयोग नहीं करेगा।
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इस डेटा का इस्तेमाल विज्ञापन या प्रमोशन के लिए नहीं किया जा सकेगा।
🔐 नई सुरक्षा और ऑथेंटिकेशन सुविधा
NPCI ने एक और सर्कुलर जारी कर बताया कि अब फेस ऑथेंटिकेशन और ऑन-डिवाइस बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन की सुविधा भी UPI में दी जाएगी।
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इससे बिना UPI पिन डाले ₹5000 तक का ट्रांजेक्शन संभव होगा।
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यह सुविधा मोबाइल के इन-बिल्ट बायोमेट्रिक सेंसर (फेस ID, फिंगरप्रिंट आदि) से जुड़ी होगी।
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आगे चलकर यह लिमिट ₹10,000 तक बढ़ाई जा सकती है।
✅ यूजर्स के लिए फायदे
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सभी ऑटो-पेमेंट्स का एक ही जगह रिकॉर्ड
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गलती से कटने वाले पैसे से बचाव
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ट्रांजेक्शन में तेजी और सुरक्षा दोनों
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ऐप बदलने की पोर्टिंग सुविधा
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खर्चों पर बेहतर कंट्रोल और ट्रांसपेरेंसी
🔚 निष्कर्ष
UPI का यह नया नियम डिजिटल पेमेंट्स सिस्टम को और स्मार्ट, सुरक्षित और पारदर्शी बनाएगा।
अब यूजर्स को हर पेमेंट पर नजर रखने और नियंत्रण का पूरा अधिकार होगा।
डिजिटल इंडिया मिशन को यह कदम और मजबूत करेगा।
