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Name Of Post : केंद्र सरकार ने लेबर कानून में किया बड़ा बदलाव: 2025 में लागू हुए नए नियमों की पूरी जानकारी

केंद्र सरकार ने लेबर कानून में किया बड़ा बदलाव: 2025 में लागू हुए नए नियमों की पूरी जानकारी

केंद्र सरकार ने लेबर कानून में किया बड़ा बदलाव – 2025 का पूरा लेख

भारत में श्रमिकों की सुरक्षा, वेतन, काम के घंटे और सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए केंद्र सरकार समय–समय पर लेबर कानूनों में सुधार करती रहती है। वर्ष 2025 में भी सरकार ने श्रमिकों व नियोक्ताओं दोनों को ध्यान में रखते हुए कई महत्वपूर्ण संशोधन लागू किए हैं। इन बदलावों का उद्देश्य कामगारों को बेहतर सुविधा, सुरक्षा और अधिकार प्रदान करना है, साथ ही उद्योग जगत को अधिक पारदर्शिता और सरलता देना है।



1. काम के घंटों को लेकर बड़ा अपडेट

सरकार ने 2025 में काम के घंटों की व्यवस्था को और स्पष्ट किया है:

  • सप्ताह में 48 घंटे काम की सीमा वही रहेगी।

  • लेकिन अब कंपनियाँ 4-दिन या 5-दिन वर्किंग वीक का विकल्प लागू कर सकती हैं।

  • यदि 12 घंटे की शिफ्ट लागू हो, तो श्रमिकों को अतिरिक्त ब्रेक और सुरक्षा प्रावधान देना अनिवार्य होगा।

  • ओवरटाइम सीमा बढ़ाई गई है, लेकिन कड़े नियमों के साथ।


2. न्यूनतम वेतन नियमों में सुधार

2025 में न्यूनतम वेतन को लेकर खास बदलाव किए गए:

  • देश भर में National Floor Wage की प्रक्रिया को और मज़बूत किया गया।

  • निजी और सरकारी दोनों क्षेत्रों में वेतन का भुगतान डिजिटल तरीके से अनिवार्य करने की दिशा में कदम बढ़ाए गए।

  • दिहाड़ी मजदूरों और असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए चेकिंग और निरीक्षण तंत्र को मजबूत किया गया।


3. ई–श्रम कार्ड से जुड़े नए प्रावधान

असंगठित क्षेत्र के 38 करोड़ से अधिक श्रमिकों के लिए:

  • ई–श्रम पोर्टल को नए लेबर कोड्स के साथ इंटीग्रेट किया गया।

  • ई–श्रम कार्ड धारकों को सामाजिक सुरक्षा योजनाओं में सीधा लाभ, जैसे बीमा, पेंशन, स्वास्थ्य सुविधाएँ।

  • निर्माण श्रमिकों के लिए रजिस्ट्रेशन व सहायता राशि के नियम सरल किए गए।


4. महिलाओं की सुरक्षा और सुविधा से जुड़े बदलाव

2025 में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने पर विशेष ज़ोर:

  • नाइट शिफ्ट में महिलाओं को काम कराने के लिए सुरक्षा उपायों को अनिवार्य किया गया।

  • मातृत्व अवकाश से जुड़ी सुविधाओं को और आसान किया गया।

  • फैक्ट्रियों और बड़े संस्थानों में क्रेच (बाल देखभाल केंद्र) अनिवार्य।


5. उद्योगों के लिए अनुपालन (Compliance) आसान

नियोक्ताओं के लिए कागजी कार्यवाही कम करने के लिए:

  • ओपन पोर्टल पर One Nation, One License की व्यवस्था को और सरल बनाया गया।

  • निरीक्षण प्रणाली को AI आधारित बनाया जा रहा है ताकि भ्रष्टाचार कम हो और पारदर्शिता बढ़े।

  • छोटे–मध्यम उद्योगों (MSME) के लिए रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया हल्की और बिना परेशानी के की गई।


6. सामाजिक सुरक्षा कोड का लागू होना तेज

2025 में सरकार ने सामाजिक सुरक्षा कोड के तहत:

  • EPFO, ESIC की सेवाएँ अधिक डिजिटल और आसान कीं।

  • गिग व प्लेटफ़ॉर्म वर्कर्स (जैसे डिलीवरी बॉय, टैक्सी ड्राइवर) को सामाजिक सुरक्षा लाभ जोड़ने की प्रक्रिया तेज हुई।

  • रिटायरमेंट, बीमा व पेंशन योजनाओं को सरल बनाया गया।


7. निर्माण क्षेत्र के श्रमिकों पर विशेष ध्यान

थंबनेल की इमेज के अनुसार निर्माण क्षेत्र से जुड़े मुख्य बिंदु:

  • साइट पर सुरक्षा उपकरण (हेलमेट, जैकेट, सेफ्टी बेल्ट) अनिवार्य।

  • श्रमिकों के लिए दुर्घटना बीमा बढ़ाया गया।

  • महिला मिस्त्रियों/मजदूरों के लिए विशेष प्रावधान और सुरक्षा गाइडलाइन लागू।

  • भुगतान में देरी रोकने के लिए ऑनलाइन पेमेंट ट्रैकिंग सिस्टम शुरू।


निष्कर्ष

2025 में लेबर कानूनों में किए गए बदलावों का मुख्य उद्देश्य यह है कि:

  • श्रमिकों को अधिक सुरक्षा,

  • समय पर वेतन,

  • बेहतर कार्य वातावरण,

  • और उद्योगों को सरल कानून मिलें।

इन सुधारों से न सिर्फ श्रमिकों के जीवन स्तर में सुधार होगा, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।