Name Of Post : 4 दिसंबर से शुरू होगा शीतकालीन अवकाश: स्कूल-कॉलेज बंद करने का आदेश जारी, जानें पूरी अपडेट | Winter Vacation 2025
4 दिसंबर से शुरू होगा शीतकालीन अवकाश: स्कूल-कॉलेज बंद करने का आदेश जारी, जानें पूरी अपडेट | Winter Vacation 2025
4 दिसंबर से शुरू होगा शीतकालीन अवकाश: स्कूल-कॉलेज बंद करने का आदेश जारी, जानें पूरी अपडेट | Winter Vacation 2025
शीत ऋतु अपने साथ एक अलग ही सुकून लेकर आती है—ठंडी हवा, हल्की धूप और सुबह की धुंध बच्चों के चेहरों पर मुस्कान बिखेर देती है। हर साल की तरह इस बार भी छात्र, अभिभावक और शिक्षक शीतकालीन अवकाश का इंतज़ार कर रहे थे। इसी बीच केंद्रीय विद्यालय समिति (KVS) ने सभी स्कूलों में शीतकालीन अवकाश 2025 की तारीखों की घोषणा कर दी है।
यह फैसला मौसम विभाग की रिपोर्ट, राज्यवार तापमान और बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। आइए विस्तार से जानें कि इस बार किस शहर में कितने दिन की छुट्टी रहेगी और इस शेड्यूल के पीछे क्या कारण हैं।
शीतकालीन अवकाश 2025 का आधिकारिक नोटिफिकेशन जारी
नवंबर की शुरुआत तक देश के कई हिस्सों में ठंड दस्तक देने लगती है। दिवाली के बाद से परीक्षाएँ, अर्धवार्षिक मूल्यांकन और पाठ्यक्रम पूरा करने की गतिविधियाँ स्कूलों में बढ़ जाती हैं। इसी बीच KVS ने घोषणा की है कि:
-
अत्यधिक ठंड वाले क्षेत्रों में छुट्टियाँ 4 दिसंबर 2025 से शुरू होंगी।
-
कुछ अन्य शहरों में मौसम को देखते हुए कम दिनों का अवकाश तय किया गया है।
समिति का उद्देश्य बच्चों को मौसम के प्रभाव से बचाना और पढ़ाई का संतुलन बनाए रखना है।
किस शहर में कितने दिन का शीतकालीन अवकाश? पूरी सूची देखें
KVS ने देश को तापमान के आधार पर 3 श्रेणियों में बांटा है:
-
अत्यधिक ठंड वाले क्षेत्र
-
सामान्य ठंड वाले क्षेत्र
-
हल्की/कम ठंड वाले क्षेत्र
इन्हीं के आधार पर छुट्टियों की अवधि निर्धारित की गई है।
1. 20 दिन का शीतकालीन अवकाश — इन शहरों में लंबी छुट्टी
इन शहरों में दिसंबर की शुरुआत में ठंड काफी बढ़ जाती है और सुबह की धुंध से बच्चों के स्कूल आने-जाने में परेशानी होती है। इसलिए यहाँ 20 दिनों का अवकाश रखा गया है।
20 दिन छुट्टी वाले प्रमुख शहर:
-
दिल्ली
-
लखनऊ
-
पटना
-
कोलकाता
-
आगरा
-
जबलपुर
-
चंडीगढ़
-
देहरादून
-
जम्मू
-
रांची
-
गुवाहाटी
-
सिल्चर
-
तिनसुकिया
-
वाराणसी
इन क्षेत्रों में ठंड का प्रकोप अधिक रहता है, इसलिए लंबी छुट्टी बच्चों के स्वास्थ्य के लिए लाभदायक मानी जाती है।
2. 10 दिन का शीतकालीन अवकाश — सामान्य ठंड वाले शहर
इन शहरों में तापमान बहुत कम नहीं होता, इसलिए यहाँ केवल 10 दिनों का अवकाश तय किया गया है।
10 दिन छुट्टी वाले शहर:
-
मुंबई
-
चेन्नई (के.वि. माहे को छोड़कर)
-
बेंगलुरु
-
हैदराबाद
-
अहमदाबाद
-
जयपुर
-
रायपुर
-
भोपाल
-
भुवनेश्वर
यहाँ मौसम सुहावना रहता है, इसलिए पढ़ाई को बिना नुकसान पहुंचाए कम अवकाश दिया गया है।
3. अत्यधिक ठंड वाले पहाड़ी क्षेत्रों में 40–50 दिन का अवकाश
उत्तर भारत के पहाड़ी राज्यों में दिसंबर-जनवरी के दौरान ठंड चरम पर होती है। कई जगहों पर बर्फबारी के कारण स्कूल संचालन मुश्किल हो जाता है।
इसलिए यहाँ 40 से 50 दिन तक का शीतकालीन अवकाश घोषित किया गया है।
इन क्षेत्रों में छुट्टियाँ:
-
4 दिसंबर से शुरू होंगी
-
कई स्कूल 22 दिसंबर तक बंद रहेंगे
-
कुछ क्षेत्रों में छुट्टियाँ जनवरी के मध्य या अंत तक बढ़ सकती हैं
लद्दाख, उत्तराखंड के ऊँचाई वाले इलाके और देहरादून के कुछ स्कूल इस श्रेणी में आते हैं।
क्यों ज़रूरी है शीतकालीन अवकाश? शिक्षा विशेषज्ञों की राय
पुराने समय से ही बुजुर्ग कहते आए हैं—“ठंड बच्चों के लिए भारी पड़ती है।” यह आज भी सच है।
ठंड के दिनों में:
-
बच्चों की इम्युनिटी कमजोर हो जाती है
-
सर्दी-खाँसी, बुखार जैसी बीमारियाँ बढ़ जाती हैं
-
सुबह स्कूल जाने में कठिनाई होती है
-
धुंध के कारण सड़क दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ता है
इन सभी कारणों की वजह से शीतकालीन अवकाश बच्चों के स्वास्थ्य व सुरक्षा के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।
पाठ्यक्रम पूरा करने की रफ्तार क्यों बढ़ी?
दिवाली के बाद बोर्ड परीक्षाओं का टाइमटेबल करीब आने लगता है। यही कारण है कि:
-
शिक्षक अतिरिक्त कक्षाएँ ले रहे हैं
-
छात्र प्रैक्टिस पेपर हल कर रहे हैं
-
अर्धवार्षिक परीक्षाएँ जारी
-
बोर्ड परीक्षा की तैयारी तेज़
-
शीतकालीन अवकाश से पहले अधिकतम पाठ्यक्रम पूरा करने की कोशिश
ताकि छुट्टियों के बाद बच्चों का ध्यान रिवीजन और मॉडल टेस्ट पर केंद्रित रह सके।
निष्कर्ष
इस बार शीतकालीन अवकाश की घोषणा बच्चों, अभिभावकों और शिक्षकों सभी के लिए राहत लेकर आई है। मौसम की परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए KVS ने अलग-अलग तापमान क्षेत्रों के हिसाब से छुट्टियों का शेड्यूल जारी किया है।
4 दिसंबर 2025 से कई शहरों में स्कूल बंद हो जाएंगे, जबकि कुछ शहरों में छोटी अवधि की छुट्टियाँ होंगी।
बच्चों की सुरक्षा, स्वास्थ्य और पढ़ाई—तीनों को ध्यान में रखकर यह निर्णय लिया गया है।