Name Of Post : बैंक डूबने पर कितना पैसा मिलेगा: सरकार ने जारी किया नया नियम, अब जानिए Bank Deposit Insurance
बैंक डूबने पर कितना पैसा मिलेगा: सरकार ने जारी किया नया नियम, अब जानिए Bank Deposit Insurance
💰 बैंक डूबने पर कितना पैसा मिलेगा, सरकार ने बनाई यह नियम
Bank Deposit Insurance: अब बैंक खाताधारकों को मिलेगी गारंटीशुदा सुरक्षा
आज के समय में लगभग हर व्यक्ति अपनी मेहनत से कमाए गए पैसों को बैंक में जमा करता है। बैंकों को सबसे सुरक्षित स्थान माना जाता है, जहां हम अपना धन सुरक्षित रख सकते हैं और आवश्यकता पड़ने पर निकाल भी सकते हैं। लेकिन क्या आपने कभी यह सोचा है कि अगर किसी कारणवश आपका बैंक अचानक बंद हो जाए या दिवालिया घोषित कर दिया जाए, तो आपके जमा किए गए पैसों का क्या होगा?
यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण प्रश्न है, जिसका उत्तर हर बैंक खाताधारक को पता होना चाहिए। इसी जोखिम को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने बैंक डिपॉजिट पर बीमा कवरेज (Deposit Insurance) की एक सशक्त व्यवस्था बनाई है।
🛡️ वर्तमान में मिलने वाली बीमा कवरेज की सीमा
भारत में इस समय बैंक में जमा राशि पर अधिकतम ₹5 लाख रुपये तक का बीमा कवरेज मिलता है।
अगर किसी भी कारण से आपका बैंक बंद हो जाता है या दिवालिया घोषित हो जाता है, तो आपको अधिकतम ₹5 लाख रुपये तक की राशि की गारंटीशुदा वापसी मिलती है।
यह नियम 1 अप्रैल 2020 से लागू हुआ था।
इससे पहले यह सीमा केवल ₹1 लाख रुपये थी, जो लगभग 27 साल तक अपरिवर्तित रही।
पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक (PMC Bank) संकट के बाद सरकार ने ग्राहकों की सुरक्षा के लिए यह सीमा ₹5 लाख करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया था।
📈 बीमा सीमा बढ़ाने की संभावना
वित्त मंत्रालय और केंद्र सरकार अब बैंक डिपॉजिट बीमा सीमा को ₹5 लाख से और बढ़ाने पर गंभीरता से विचार कर रहे हैं।
बढ़ती महंगाई और ग्राहकों की सुरक्षा को देखते हुए वर्ष 2025 के अंत तक इस प्रस्ताव को अंतिम रूप दिए जाने की उम्मीद है।
वित्तीय सेवा सचिव ने फरवरी 2025 में संकेत दिया था कि इस विषय पर गहन चर्चा चल रही है, लेकिन अंतिम निर्णय केंद्रीय मंत्रिमंडल की स्वीकृति के बाद ही लागू होगा।
🏦 DICGC क्या है?
डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (DICGC) वह संस्था है जो देश में बैंक जमाकर्ताओं के धन की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार है।
यह भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के अधीन काम करती है।
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DICGC बैंकों से बीमा प्रीमियम वसूल करती है।
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वर्तमान में प्रत्येक ₹100 जमा पर 0.12% की दर से बीमा प्रीमियम लिया जाता है।
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वित्त वर्ष 2023-24 में DICGC ने ₹23,879 करोड़ बीमा प्रीमियम के रूप में एकत्र किए।
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इसी अवधि में ₹1,432 करोड़ के दावों का भुगतान किया गया।
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वर्तमान में 1996 बैंक DICGC बीमा कवर के अंतर्गत पंजीकृत हैं।
💼 किन खातों पर बीमा कवरेज मिलता है?
बीमा की ₹5 लाख की सीमा एक व्यक्ति के एक बैंक में जमा सभी खातों के लिए संयुक्त रूप से लागू होती है।
इसका अर्थ है कि यदि आपके पास —
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बचत खाता (Savings Account),
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चालू खाता (Current Account),
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फिक्स्ड डिपॉजिट (FD),
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रिकरिंग डिपॉजिट (RD)
सभी मिलाकर ₹10 लाख जमा हैं,
तो बैंक डूबने की स्थिति में आपको केवल ₹5 लाख रुपये तक ही बीमा सुरक्षा मिलेगी।
👉 सलाह: अपनी बड़ी रकम को अलग-अलग बैंकों में बांटें ताकि जोखिम कम हो।
⚠️ हाल की घटनाओं से बढ़ी जागरूकता
हाल के वर्षों में कुछ सहकारी बैंकों पर RBI द्वारा प्रतिबंध लगाए गए —
जैसे कि न्यू इंडिया कोऑपरेटिव बैंक, जहां निकासी सीमित कर दी गई थी।
इन घटनाओं ने ग्राहकों के बीच यह चिंता बढ़ा दी कि उनके पैसे कितने सुरक्षित हैं।
इसी कारण सरकार अब बीमा सीमा बढ़ाने पर गंभीरता से विचार कर रही है ताकि ग्राहकों का भरोसा बैंकिंग सिस्टम पर बना रहे।
🧾 बैंक बंद होने पर क्या करें?
यदि आपका बैंक बंद हो जाता है —
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घबराएं नहीं।
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DICGC के माध्यम से आपका दावा स्वतः पंजीकृत हो जाएगा।
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बैंक द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर बीमा दावा प्रक्रिया पूरी की जाती है।
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आपको अधिकतम ₹5 लाख रुपये तक की राशि दी जाएगी।
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प्रक्रिया पूरी होने में कुछ समय लग सकता है, इसलिए धैर्य रखें।
💡 ग्राहकों के लिए महत्वपूर्ण सुझाव
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बैंक डिपॉजिट इंश्योरेंस आपकी बचत की सुरक्षा का मजबूत कवच है।
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वर्तमान सीमा ₹5 लाख रुपये अधिकांश मध्यमवर्गीय खाताधारकों के लिए पर्याप्त है।
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लेकिन बढ़ती महंगाई को देखते हुए, भविष्य में इस सीमा का बढ़ना जरूरी है।
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अपनी जमा राशि को अलग-अलग बैंकों में विभाजित करें।
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हमेशा RBI और DICGC की आधिकारिक वेबसाइट से नवीनतम जानकारी जांचें।
⚠️ डिस्क्लेमर
यह लेख केवल सूचनात्मक और जागरूकता के उद्देश्य से लिखा गया है।
बीमा सीमा और नियम समय-समय पर बदल सकते हैं।
किसी भी वित्तीय निर्णय से पहले अपने बैंक या DICGC की आधिकारिक वेबसाइट पर सटीक जानकारी अवश्य जांचें।
यह लेख किसी प्रकार की वित्तीय या कानूनी सलाह नहीं है।
