Name Of Post : विशेष विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए सरकारी स्कूलों में लगेंगे व्याख्याता
विशेष विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए सरकारी स्कूलों में लगेंगे व्याख्याता
विशेष विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए सरकारी स्कूलों में लगेंगे व्याख्याता
राजस्थान सरकार ने विशेष (दिव्यांग) विद्यार्थियों की शिक्षा को और बेहतर बनाने के लिए एक बड़ा कदम उठाने का फैसला किया है। अब राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में विशेष विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए अलग से व्याख्याता नियुक्त किए जाएंगे।
इस फैसले से बच्चों के साथ-साथ बेरोजगार शिक्षकों को भी बड़ा लाभ मिलेगा।
➡️ वर्तमान स्थिति
अब तक सरकारी स्कूलों में विशेष विद्यार्थियों के लिए अलग से विषय-विशेष शिक्षक की नियुक्ति नहीं होती थी।
राज्य में लगभग 242 विशेष शिक्षकों पर ही पूरी व्यवस्था निर्भर थी, जो कि बहुत कम है।
इस कारण कई बार बच्चों को सही मार्गदर्शन नहीं मिल पाता था।
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📍 नियुक्ति कैसे होगी?
सरकार ने निर्णय लिया है कि:
प्रत्येक ज़िले में विशेष शिक्षण की योग्यता रखने वाले व्याख्याताओं की भर्ती की जाएगी।
यह नियुक्तियां कॉलेज शिक्षा विभाग व शिक्षा विभाग मिलकर करेंगे।
इससे शिक्षकों की कमी काफी हद तक दूर होगी।
नए नियुक्त व्याख्याता सामान्य कक्षाओं में विशेष बच्चों के साथ-साथ अन्य विद्यार्थियों को भी मार्गदर्शन देंगे।
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📍 झुंझुनूं जिले में आंकड़े
झुंझुनूं जिले में सरकारी स्कूलों में लगभग 570 विशेष बच्चे हैं।
इन बच्चों को अब सीधे-सीधे उचित सहायता और विशेषज्ञ शिक्षा उपलब्ध होगी।
विभाग का मानना है कि इससे इन बच्चों के एकेडमिक प्रदर्शन और आत्मविश्वास दोनों में सुधार होगा।
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📌 शिक्षकों की कमी होगी पूरी
कई बार यह शिकायत मिलती थी कि स्कूलों में विशेष शिक्षा के शिक्षक उपलब्ध नहीं होते।
नई नियुक्तियों के बाद यह समस्या काफी हद तक खत्म हो जाएगी।
सभी ब्लॉक्स और पंचायत समितियों में चरणबद्ध तरीके से व्याख्याता लगाए जाएंगे।
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📈 नामांकन बढ़ने की उम्मीद
शिक्षा विभाग के अनुसार:
जब विशेष छात्रों के लिए अलग व्याख्याता उपलब्ध होंगे, तब माता-पिता अपने बच्चों को स्कूल भेजने में अधिक भरोसा महसूस करेंगे।
इससे सरकारी स्कूलों में नामांकन बढ़ेगा।
कई बच्चे, जो सीखने में मुश्किल महसूस करते हैं, उन्हें अब विशेषज्ञ सहायता मिलेगी।
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🎯 युवाओं और बच्चों दोनों को फायदा
इस योजना से दो बड़े लाभ होंगे—
1️⃣ बच्चों को
बेहतर विशेष शिक्षा
व्यक्तिगत मार्गदर्शन
सीखने की क्षमता में सुधार
सामान्य बच्चों के साथ समावेशन (inclusive education)
2️⃣ बेरोजगार शिक्षित युवाओं को
व्याख्याता बनने का अवसर
स्थायी रोजगार मिलने की संभावना
विशेष शिक्षा क्षेत्र में करियर विकास
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✔ कुल मिलाकर
राजस्थान सरकार द्वारा लिया गया यह निर्णय विशेष शिक्षा, रोजगार और सरकारी स्कूलों के विकास—तीनों के लिए बहुत बड़ा कदम माना जा रहा है।