Name Of Post : खतौनी और भूमि मापन: बीघा, बिस्वा, धुर रूपांतरण की पूरी जानकारी
खतौनी और भूमि मापन: बीघा, बिस्वा, धुर रूपांतरण की पूरी जानकारी
खतौनी और भूमि माप की जानकारी: बीघा, बिस्वा, धुर में बदलने की प्रक्रिया
भारत में भूमि मापन की कई पारंपरिक इकाइयां प्रचलित हैं, विशेषतः उत्तर भारत में बीघा, बिस्वा और धुर का व्यापक उपयोग होता है। जमीन से जुड़े किसी भी लेनदेन, रिकॉर्ड या विवाद समाधान के लिए इन इकाइयों की स्पष्ट समझ जरूरी है। इस लेख में खतौनी क्या होती है, भूमि मापन की प्रमुख इकाइयां कौन-सी हैं, और इनके बीच रूपांतरण की प्रक्रिया क्या है, यह विस्तृत जानकारी दी गई है।
खतौनी क्या होती है?
खतौनी एक सरकारी राजस्व दस्तावेज है, जिसमें निम्न जानकारी दर्ज होती है:
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जमीन मालिक या खातेदार का नाम
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खसरा नंबर
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जमीन का क्षेत्रफल
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जमीन का प्रकार और प्रयोग
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स्वामित्व से जुड़ी अन्य कानूनी जानकारी
खतौनी का उपयोग जमीन की खरीद-फरोख्त, ऋण आवेदन, सरकारी योजनाओं के लिए सत्यापन और विवाद निवारण में किया जाता है। आज के समय में खतौनी ऑनलाइन और निशुल्क उपलब्ध है।
भारत में भूमि मापन की प्रमुख इकाइयां
भारत में भूमि मापन की इकाइयों का आकर राज्य और क्षेत्र के अनुसार बदल सकता है, इसलिए सही कन्वर्ज़न जानना जरूरी है। नीचे दी गई तालिका औसत क्षेत्रफल के आधार पर है:
| भूमि मापन इकाई | औसत क्षेत्रफल (वर्ग फुट) |
|---|---|
| 1 बीघा | लगभग 27,225 |
| 1 बिस्वा | लगभग 1,361 |
| 1 धुर | लगभग 68 |
| 1 एकड़ | 43,560 |
| 1 हेक्टेयर | 107,639 |
| 1 मरला | करीब 272.25 |
| 1 कनाल | लगभग 5,445 |
बीघा, बिस्वा और धुर में बदलने की प्रक्रिया
उत्तर भारत के अधिकांश क्षेत्रों में यह मानक लागू होता है:
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1 बीघा = 20 बिस्वा
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1 बिस्वा = 20 धुर
रूपांतरण कैसे करें?
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बीघा से बिस्वा में बदलना
बीघा × 20 = बिस्वा -
बिस्वा से धुर में बदलना
बिस्वा × 20 = धुर -
धुर से बिस्वा में बदलना
धुर ÷ 20 = बिस्वा
उदाहरण
यदि आपके पास 3 बीघा जमीन है:
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3 × 20 = 60 बिस्वा
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60 × 20 = 1200 धुर
भूमि मापन के लिए ऑनलाइन संसाधन
आज कई डिजिटल सुविधाएं उपलब्ध हैं:
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राज्य भूलेख पोर्टल: यहां खसरा-खतौनी की पूरी जानकारी ऑनलाइन मिल जाती है।
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ऑनलाइन भूमि मापन / यूनिट कन्वर्ज़न कैलकुलेटर
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जियोमैपिंग सेवाएं
इनसे माप की पुष्टि और सही रूपांतरण आसानी से किया जा सकता है।
भूमि मापन की अन्य महत्वपूर्ण बातें
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खतौनी अब ऑनलाइन और मुफ्त में उपलब्ध है।
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इसमें खसरा नंबर, जमीन का प्रकार और स्वामित्व की स्थिति होती है।
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पारंपरिक इकाइयों के साथ-साथ मीट्रिक सिस्टम (वर्ग मीटर, हेक्टेयर) का उपयोग बढ़ रहा है।
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जमीन खरीद-बिक्री में सही माप आवश्यक है ताकि भविष्य में विवाद न हो।
भूमि मापन इकाइयों के फायदे
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स्थानीय स्तर पर जमीन समझने में आसानी होती है।
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भूलेख/खतौनी से जमीन का कानूनी रिकॉर्ड उपलब्ध होता है।
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किसान और जमीन मालिक के लिए सही माप और रिकॉर्ड महत्वपूर्ण है।
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रूपांतरण की सुविधा से कीमत निर्धारण में पारदर्शिता आती है।
महत्वपूर्ण शब्दावली
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खतौनी: जमीन स्वामित्व का सरकारी रिकॉर्ड
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बीघा: भूमि मापन की पारंपरिक इकाई
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बिस्वा: बीघा का छोटा भाग (1 बीघा = 20 बिस्वा)
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धुर: बिस्वा से भी छोटा भाग (1 बिस्वा = 20 धुर)
