Name Of Post : मानदेय व संविदा कर्मचारियों को बड़ी राहत? स्थायीकरण और वेतन बढ़ोतरी पर सरकार ले सकती है अहम फैसला
मानदेय व संविदा कर्मचारियों को बड़ी राहत? स्थायीकरण और वेतन बढ़ोतरी पर सरकार ले सकती है अहम फैसला
मानदेय और संविदा कर्मचारियों की मांगों पर बड़ा फैसला संभव
स्थायीकरण को लेकर सरकार के रुख पर टिकी सभी की निगाहें
प्रदेश में मानदेय, संविदा और ठेका आधार पर कार्य कर रहे लाखों कर्मचारियों के लिए एक बार फिर उम्मीद की किरण नजर आ रही है। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, आशा व आशा सहयोगिनी, सफाई कर्मचारी, चौकीदार, ठेका कर्मी, दैनिक श्रमिक और शिक्षा मित्र जैसे कर्मचारी लंबे समय से अपनी विभिन्न मांगों को लेकर सरकार से समाधान की अपेक्षा कर रहे हैं।
वायरल हो रहे ब्रेकिंग न्यूज़ थंबनेल में दावा किया जा रहा है कि सरकार मानदेय एवं संविदा कर्मचारियों की मांगों पर बड़ा फैसला ले सकती है और स्थायीकरण को लेकर भी कोई अहम निर्णय सामने आ सकता है।
वर्षों से लंबित हैं कर्मचारियों की समस्याएं
मानदेय और संविदा कर्मचारियों का कहना है कि वे वर्षों से नियमित कर्मचारियों की तरह ही काम कर रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद उन्हें न तो स्थायी दर्जा मिला है और न ही सम्मानजनक वेतन। कई कर्मचारी 10 से 15 सालों से सेवा दे रहे हैं, फिर भी उनका भविष्य असुरक्षित बना हुआ है।
इन कर्मचारियों की प्रमुख समस्याएं इस प्रकार हैं—
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बहुत कम मानदेय या वेतन
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समय पर भुगतान न होना
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स्थायी नियुक्ति का अभाव
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पेंशन, पीएफ और बीमा जैसी सुविधाओं का न मिलना
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सेवा नियमों की स्पष्टता न होना
स्थायीकरण की मांग ने पकड़ा जोर
कर्मचारी संगठनों द्वारा लगातार यह मांग उठाई जा रही है कि लंबे समय से कार्यरत संविदा और मानदेय कर्मचारियों को स्थायी किया जाए। कई बार धरना-प्रदर्शन, रैलियां और ज्ञापन भी दिए जा चुके हैं।
सूत्रों के अनुसार सरकार सभी विभागों से संविदा एवं मानदेय कर्मचारियों का पूरा विवरण मंगवा रही है, ताकि यह तय किया जा सके कि किन कर्मचारियों को किस चरण में राहत दी जा सकती है।
किन कर्मचारियों को मिल सकती है प्राथमिकता?
मीडिया रिपोर्ट्स और चर्चाओं के मुताबिक सरकार कुछ वर्गों को प्राथमिकता के आधार पर राहत दे सकती है, जिनमें शामिल हैं—
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आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाएं
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आशा और आशा सहयोगिनी
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नगर निकायों में कार्यरत सफाई कर्मचारी
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वर्षों से कार्यरत ठेका व दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी
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शिक्षा मित्र और संविदा शिक्षक
हालांकि अभी तक इस संबंध में कोई आधिकारिक सूची या आदेश जारी नहीं हुआ है।
मानदेय बढ़ोतरी पर भी हो सकता है निर्णय
स्थायीकरण के साथ-साथ मानदेय बढ़ाने की मांग भी लंबे समय से की जा रही है। कर्मचारी संगठनों का कहना है कि मौजूदा महंगाई को देखते हुए वर्तमान मानदेय में गुजारा करना बेहद मुश्किल हो गया है। ऐसे में सरकार न्यूनतम मानदेय बढ़ाने या मानदेय को नियमित वेतन ढांचे से जोड़ने पर भी विचार कर सकती है।
सरकार की ओर से क्या आया बयान?
फिलहाल सरकार की तरफ से इस मुद्दे पर कोई अंतिम या लिखित अधिसूचना जारी नहीं की गई है। हालांकि संकेत मिल रहे हैं कि आगामी कैबिनेट बैठक या बजट सत्र में इस विषय पर कोई बड़ा ऐलान किया जा सकता है।
कर्मचारियों में उम्मीद और इंतजार
इस खबर के सामने आने के बाद मानदेय और संविदा कर्मचारियों में उम्मीद तो जगी है, लेकिन साथ ही वे किसी ठोस सरकारी आदेश का इंतजार कर रहे हैं। कर्मचारियों का कहना है कि जब तक आधिकारिक नोटिफिकेशन जारी नहीं होता, तब तक किसी भी खबर पर पूरी तरह भरोसा करना मुश्किल है।
⚠️ महत्वपूर्ण सूचना
यह लेख वायरल ब्रेकिंग न्यूज़ थंबनेल, सोशल मीडिया चर्चाओं और मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है। किसी भी निर्णय की पुष्टि के लिए केवल सरकारी अधिसूचना या आधिकारिक बयान को ही मान्य माना जाए।
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