Name Of Post : सरकारी अस्पतालों में नई व्यवस्था: मुफ्त इलाज के लिए अब आभा आईडी अनिवार्य, इसी से बनेगी पर्ची
सरकारी अस्पतालों में नई व्यवस्था: मुफ्त इलाज के लिए अब आभा आईडी अनिवार्य, इसी से बनेगी पर्ची
सरकारी अस्पतालों में नई व्यवस्था: मुफ्त इलाज के लिए अब आभा आईडी अनिवार्य, उसी से बनेगी पर्ची
दैनिक भास्कर | 31 दिसंबर 2025
राज्य के सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाओं को डिजिटल और पारदर्शी बनाने के लिए सरकार ने एक नई व्यवस्था लागू करने का फैसला किया है। अब सरकारी अस्पतालों में मुफ्त इलाज का लाभ लेने के लिए आभा आईडी (ABHA ID) अनिवार्य कर दी गई है। मरीजों की पर्ची भी आभा आईडी के आधार पर ही बनाई जाएगी और इसी से उनकी मेडिकल हिस्ट्री दर्ज होगी।
क्या है नई व्यवस्था
स्वास्थ्य विभाग के निर्देशों के अनुसार, अब सभी सरकारी अस्पतालों, मेडिकल कॉलेजों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में मरीजों का पंजीकरण केवल आभा आईडी के जरिए किया जाएगा। बिना आभा आईडी के मरीज को पर्ची नहीं दी जाएगी और न ही मुफ्त इलाज की सुविधा मिलेगी।
क्यों किया गया आभा आईडी अनिवार्य
सरकार का उद्देश्य मरीजों के इलाज से जुड़ी सभी जानकारियों को एक डिजिटल प्लेटफॉर्म पर सुरक्षित रखना है। आभा आईडी से मरीज की
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पिछली बीमारियां
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जांच रिपोर्ट
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दवाइयों का विवरण
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भर्ती और इलाज का पूरा रिकॉर्ड
एक ही जगह सुरक्षित रहेगा, जिससे डॉक्टरों को इलाज में आसानी होगी।
ऐसे बनेगी पर्ची
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मरीज अस्पताल पहुंचते ही आभा आईडी बताएगा
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उसी आईडी से ऑनलाइन पंजीकरण होगा
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कंप्यूटर से पर्ची प्रिंट होकर मिलेगी
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जांच, दवा और रेफर की पूरी जानकारी उसी आभा आईडी से लिंक रहेगी
आभा आईडी न होने पर क्या होगा
यदि किसी मरीज के पास आभा आईडी नहीं है, तो अस्पताल परिसर में ही मौके पर आभा आईडी बनाई जाएगी। इसके लिए आधार कार्ड या अन्य पहचान पत्र की जरूरत होगी।
मरीजों को क्या लाभ
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बार-बार पर्ची बनवाने की झंझट खत्म
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मेडिकल रिकॉर्ड हमेशा सुरक्षित
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किसी भी सरकारी अस्पताल में इलाज में आसानी
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इलाज में पारदर्शिता और समय की बचत
कब से लागू होगी व्यवस्था
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार यह व्यवस्था जल्द ही सभी सरकारी अस्पतालों में चरणबद्ध तरीके से लागू की जाएगी। इसके लिए अस्पताल स्टाफ को निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
निष्कर्ष
सरकार की यह पहल डिजिटल हेल्थ सिस्टम को मजबूत बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। आभा आईडी अनिवार्य होने से जहां मरीजों को बेहतर और तेज इलाज मिलेगा, वहीं सरकारी अस्पतालों में व्यवस्था भी अधिक सुचारु और पारदर्शी होगी।