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Name Of Post : MGNREGA का नाम बदला: अब “पूज्य बापू ग्रामीण रोजगार योजना”, 125 दिन का रोजगार और बढ़ी मजदूरी

MGNREGA का नाम बदला: अब “पूज्य बापू ग्रामीण रोजगार योजना”, 125 दिन का रोजगार और बढ़ी मजदूरी

MGNREGA का नाम बदला: अब “पूज्य बापू ग्रामीण रोजगार योजना”, 125 दिन का रोजगार और बढ़ी मजदूरी

📌 क्या बदल गया है? (नाम और विवरण)

  • सरकार ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA) का नाम “पूज्य बापू ग्रामीण रोजगार योजना” (Pujya Bapu Gramin Rozgar Yojana) कर दिया है। 

  • यह बदलाव केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में 12 दिसंबर 2025 को मंजूर किया गया। 


🛠️ योजना में मुख्य बदलाव

✅ 1. गारंटीकृत रोजगार दिनों में वृद्धि

  • पहले यह योजना ग्रामीण परिवारों को कम से कम 100 दिन रोजगार देती थी।

  • अब इसे 125 दिनों तक बढ़ा दिया गया है। 

✅ 2. न्यूनतम मजदूरी बढ़ाई गई

  • न्यूनतम दैनिक मजदूरी को लगभग ₹240 प्रति दिन तक बढ़ाने की भी बात कही जा रही है।

✅ 3. बजट आवंटन में वृद्धि

  • इस विस्तारित और नए नाम वाली योजना के लिए सरकार लगभग ₹1.51 लाख करोड़ तक का बजट आवंटित करने जा रही है, जिससे इसे बेहतर तरीके से लागू किया जा सके। 

📜 योजना का उद्देश्य

यह योजना ग्रामीण भारत के लिए रोजगार सुनिश्चित करने का सबसे बड़ा सरकारी कार्यक्रम है। मूल रूप से इसे 2005 में “National Rural Employment Guarantee Act (NREGA)” के रूप में शुरू किया गया था, और बाद में इसका नाम Mahatma Gandhi National Rural Employment Guarantee Act (MGNREGA) रखा गया। इसका मुख्य लक्ष्य है:
✔ ग्रामीण परिवारों को काम देने का कानूनी अधिकार देना
✔ बेरोज़गारों को रोजगार के ज़रिये आजीविका सुरक्षा मुहैया कराना
✔ पानी संरक्षण, सड़क निर्माण, तालाब विकास जैसे कार्यों में रोजगार उपलब्ध कराना
और अब इसके विस्तार के उद्देश्यों को और मज़बूत करना। 


📣 सरकार का क्या कहना है?

सरकार के अनुसार नाम बदलने का उद्देश्य योजना को एक नई पहचान देना और ग्रामीण क्षेत्र में इसको और अधिक प्रभावी तरीके से लागू करना है।
“पूज्य बापू” शब्द शामिल करने का तात्पर्य महात्मा गांधी की ग्रामीण विकास और कर्मयोग की सोच को आगे ले जाने से बताया गया है। 


🗣️ राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ

❗ विपक्ष की प्रतिक्रिया

  • कांग्रेस सहित कुछ विपक्षी नेताओं ने इस फैसले पर सख़्त आलोचना की है। उनका कहना है कि नाम बदलने से ग्रामीणों की वास्तविक समस्याओं का समाधान नहीं होगा और यह केवल ब्रांडिंग/छवि बनाने जैसा कदम है।

  • कांग्रेस ने यह तर्क भी दिया कि इस तरह के नाम परिवर्तन से महात्मा गांधी की यादों और उनके योगदान के महत्व को कम करना गलत है। 

❗ प्रियंका गांधी का बयान

  • प्रियंका गांधी ने कहा कि इस नाम बदलने को गैर-ज़रूरी और महंगा बदलाव बताया है और ग्रामीणों पर इसका सकारात्मक प्रभाव स्पष्ट नहीं है। 


📊 संक्षेप — मुख्य तथ्य

विषयजानकारी
पुराना नामMGNREGA — महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम
नया नामपूज्य बापू ग्रामीण रोजगार योजना (Pujya Bapu Gramin Rozgar Yojana)
गारंटीकृत रोजगार दिन100 → 125 दिन
एक अनुमानित न्यूनतम मजदूरीलगभग ₹240 प्रति दिन
बजट आवंटन (अनुमान)लगभग ₹1.51 लाख करोड़
उद्देश्यग्रामीण रोजगार और आजीविका सुरक्षा को मजबूत करना