Name Of Post : राष्ट्रीय पेंशन सिस्टम (NPS) में बड़े बदलाव — 5-साल लॉक-इन हटाया, निकासी नियम आसान
राष्ट्रीय पेंशन सिस्टम (NPS) में बड़े बदलाव — 5-साल लॉक-इन हटाया, निकासी नियम आसान
📰 राष्ट्रीय पेंशन सिस्टम (NPS) में बड़े बदलाव — 5-साल लॉक-इन हटाया, निकासी नियम आसान
नई दिल्ली, 16 दिसंबर 2025:
पेंशन फंड रेग्युलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) ने राष्ट्रीय पेंशन सिस्टम (NPS) के नियमों में अहम संशोधन करते हुए निकासी व एग्जिट (Exit) की प्रक्रिया को और अधिक लचीला और Subscriber-friendly बनाया है। इन बदलावों का उद्देश्य यह है कि सब्सक्राइबर्स को रिटायरमेंट के समय अपनी रकम तक आसान पहुँच मिले और System को वर्तमान जीवन शैली के अनुरूप अधिक युज़र-जैबिल बनाया जाए।
🧾 1. 5-साल का लॉक-इन पीरियड हटाया गया
सबसे बड़ा बदलाव यह है कि NPS में अब नॉन-गवर्नमेंट सब्सक्राइबर्स पर 5-साल का लॉक-इन लागू नहीं रहेगा। पहले यह अनिवार्य था कि एक बार NPS में निवेश करने के बाद कम-से-कम 5 साल तक exit नहीं किया जा सकता था। अब किसी भी समय, अपनी जरूरत के हिसाब से निकासी की अनुमति मिल सकेगी — यह बदलाव खासकर उन लोगों के लिए लाभदायक है जिन्हें जल्दी धन की आवश्यकता हो सकती है।
👉 ध्यान दें: सरकारी कर्मचारियों पर यह लॉक-इन लागू रहेगा, यानी वे अब भी NPS में पैसे डालने के बाद 5 साल तक इससे नहीं निकल सकते।
💰 2. निकासी और एग्जिट नियमों में लचीलापन
संशोधित नियमों के अनुसार:
✔️ नॉर्मल एग्जिट के लिए अब तीन विकल्प:
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15 वर्ष की सदस्यता पूरी होने पर,
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60 वर्ष की आयु प्राप्त होने पर,
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या रिटायरमेंट/सुपरएनेशन के समय — जो भी पहले आए।
इनमें से किसी भी स्थिति में निकासी की जा सकती है।
✔️ सब्सक्राइबर्स अब 85 वर्ष तक निवेश जारी रख सकते हैं, अगर वे Exit नहीं करना चाहते।
📊 3. समूची राशि (Corpus) पर नए Withdrawal विकल्प
अब निकासी को अधिक लचीला बनाया गया है और यह इस प्रकार है:
👤 अगर जमा राशि ₹8 लाख या उससे कम है
➡️ पूरा पैसा एक-रकम (100%) निकाला जा सकता है।
👤 अगर राशि ₹8 लाख से अधिक और ₹12 लाख तक है
➡️ एकमुश्त ₹6 लाख तक निकासी संभव है।
➡️ शेष रकम से कम-से-कम 6 वर्ष के लिए Annuity (रेग्युलर पेंशन) ख़रीदनी होगी।
👤 अगर राशि ₹12 लाख से अधिक है
➡️ अब तक जहाँ 40% तक ही एकमुश्त लिया जा सकता था,
➡️ अब 80% तक की राशि एकमुश्त निकाली जा सकती है,
➡️ और सिर्फ 20% को Annuity में निवेश करना अनिवार्य है।
📌 इससे रिटायरमेंट के समय लिक्विडिटी बढ़ती है और व्यक्ति अपनी जरूरत के अनुसार ज्यादातर पैसा पहले लेकर बाकी को पेंशन में बदल सकता है।
📑 4. विशेष Exit स्थितियों को भी जोड़ा गया है
संशोधन में कुछ विशेष स्थितियों पर भी निकासी नियम स्पष्ट किए गए हैं:
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अगर सदस्य की मृत्यु हो जाए, तो पूरा जमा धन नामांकित व्यक्ति/कानूनी वारिस को मिलेगा।
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यदि कोई सदस्य भारतीय नागरिकता त्याग दे, तो भी पूरा जमा पैसा एकमुश्त निकाल सकता है।
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अगर सदस्य लापता घोषित हो जाए, तो इसमें भी निकासी की प्रक्रिया निर्धारित है।
📌 5. सरकारी कर्मचारियों के नियम में कोई बड़ा बदलाव नहीं
सरकारी सेक्टर के NPS सब्सक्राइबर्स के लिए 5-साल का लॉक-इन अभी भी लागू रहेगा। इस श्रेणी में सामान्य नियम ऐसे हैं कि:
🔹 अगर कुल जमा ₹5 लाख तक है → 100% निकासी होगी।
🔹 ₹5 लाख से अधिक है → 40% को Annuity में लगाना होगा और बाकी निकाला जा सकता है।
✨ संक्षेप में क्या बदला?
| पहले | अब |
|---|---|
| 5 साल का लॉक-इन नियम | हटाया गया (Non-Govt) |
| सिर्फ 60% तक लंप-सम निकासी | अब 80% तक लंप-सम निकासी |
| अनिवार्य 40% Annuity | अब 20% Annuity |
| Exit के लिए 60 वर्ष जरूरी | 15 वर्ष की सदस्यता / 60 वर्ष / रिटायरमेंट — पहले पूरा होना पर्याप्त |
➡️ ये बदलाव विशेष रूप से नॉन-सरकारी कर्मचारी, खुद-का निवेश करने वाले और छोटे-बड़े सब्सक्राइबर्स के लिए राहत और लचीलापन बढ़ाते हैं।
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